कविता का सारांश ‘चार चने’ कविता के रचयिता निरंकारदेव सेवक हैं। इस कविता में कवि ने यह बताया है कि यदि उसके पास पैसे होते तो वह क्या करता। कवि कहता है कि यदि उसके पास पैसे होते तो वह चार चने लाता। उनमें से […]
कविता का सारांश ‘चार चने’ कविता के रचयिता निरंकारदेव सेवक हैं। इस कविता में कवि ने यह बताया है कि यदि उसके पास पैसे होते तो वह क्या करता। कवि कहता है कि यदि उसके पास पैसे होते तो वह चार चने लाता। उनमें से […]